पश्चिम बंगाल के राज्यपाल एम.के. नारायणन ने इस्तीफा दिया

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल एम.के. नारायणन ने 30 जून 2014 को भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी को अपना त्यागपत्र दे दिया. गवर्नर के रूप में उनका कार्यकाल 15 जनवरी 2015 को समाप्त होने वाला था. वह तृणमूल कांग्रेस के सत्ता में आने से पहले 24 जनवरी 2010 को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किये गए थे.
•    पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किए जाने से पहले नारायणन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में कार्य कर चुके हैं.
•    नारायणन को यूपीए सरकार द्वारा 2004 में प्रधानमंत्री का सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया गया था.
•    नारायणन 1955 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और वर्ष 1987 से 1992 तक वह आईबी के निदेशक के पद पर रह चुके हैं.
पृष्ठभूमि एवं विश्लेषण
नारायणन का इस्तीफा इतालवी फर्म अगस्ता वेस्टलैंड द्वारा 3600 करोड़ रूपए के वीवीआईपी हेलीकॉप्टर खरीद घोटाला मामले को लेकर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा एक गवाह के रूप में पूछताछ के एक सप्ताह के भीतर आया हैं. 80 वर्षीय नारायणन को सौदे के संबंध में अपने बयान दर्ज करने के लिए सीबीआई अधिकारियों के समक्ष पेश होने को कहा गया था. सीबीआई ने उनसे पूछताछ की क्योंकि वह हेलीकाप्टरों की खरीद से पहले वह समूह का एक हिस्सा थे जो निविदा प्रक्रियाओं में शामिल था.
वह पहले ऐसे व्यक्ति हैं जिनसे गवर्नर पद धारण करते हुए जांच एजेंसी द्वारा पूछताछ की गयी.उनसे पूछताछ इसलिए की गयी क्योंकि हेलिकॉप्टर सौदे के समय वह प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार थे. उन्होंने उस बैठक की अध्यक्षता की थी जिसने वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों के लिए तकनीकी विनिर्देशों में परिवर्तन किए थे.

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